प्रस्तावना
उत्तराखण्ड एक हिमालयी पर्वतीय राज्य है जहाॅ मुख्य खनिज एवं उपखनिज का भण्डार प्रचुर मात्रा मे विद्यमान है। मुख्य खनिज के रूप मे मैग्नेसाईट, लाईमस्टोन, बेसमेटल (सोना, चांदी, लेड आदि) इत्यादि तथा उपखनिज मे स्वस्थानेें चट्टानें किस्म के खनिज जैसे सापेस्टोन, सिलिकासैण्ड, बैराईट आदि तथा नदी तल उपखनिज के रूप मे बालू, बजरी, बोल्डर आदि उपलब्ध हैं। वन क्षेत्रान्तर्गत नदी तल खनन क्षेत्रों मे खनन/चुगान का कार्य उत्तराखण्ड वन विकास निगम तथा राजस्व नदी क्षेत्रों मे गढ़वाल मण्डल विकास निगम व कुमाऊॅ मण्डल विकास निगम के द्वारा तथा निजी नाप भूमि क्षेत्रों मे निजी व्यक्तियों के द्वारा खनन कार्य किया जाता है।
खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम-1957 की धारा-15 मे प्रदत्त अधिकारों के अन्तर्गत राज्य सरकार के द्वारा उपखनिज की खनन संक्रियाओं हेतु उत्तराखण्ड उपखनिज (परिहार) नियमावली, 2023 (समय-समय पर यथासंशोधित) तथा उक्त अधिनियम की धारा-23 सी के अन्तर्गत प्रदेश में अवैध खनन, परिवहन एवं भण्डारण के रोकथाम हेतु उत्तराखण्ड खनिज (अवैध खनन, परिवहन एवं भण्डारण का निवारण) नियमावली-2021 (समय-समय पर यथासंशोधित) व उत्तराखण्ड स्टोन क्रेशर, स्क्रीनिंग प्लांट, प्लवराईजर प्लांट, हाॅट मिक्स प्लांट, रेडिमिक्स प्लांट, अनुज्ञा नीति-2021 (समय-समय पर यथासंशाधित) एवं उत्तराखण्ड रिवर ड्रेजिंग नीति -2021 (समय-समय पर यथासंशोधित) प्रख्यापित है।